Nag Panchami 2024: जाने नाग पंचमी के रहस्य और रोचक तथ्य,पूजा की विधि

Nag Panchami 2024 -नाग पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये नागो से जुड़ी हमारी पुराणिक पूजा का सम्बन्ध है। वेद और पुराण में नागों का उत्पति महऋषि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू से माना जाता है। आगे आपको नाग पूजा 2024 से जुड़ी रहस्य ,पूजा की विधि और नाग पूजा का इतिहास इस लेख में पूर्ण रूप से मिलेगा, आप लेख में बने रहे।

Nag Panchami 2024 Date and Time

नाग पंचमी भारत में मनाया जाने वाला नागो का पूजा से जुड़ा हुआ पर्व होता है यह हर साल सावन के सुकुल पंचमी के महीने में मनाया जाता है इसे बड़े धूम धाम से मनाया जाता है और नाग देवता को खुश किया जाता है इस बार यह पर्व अगस्त के महीने में 9 तारीख के सुबह 12:36 से शुरू हो कर 10 अगस्त सुबह 3:36 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

Nag Panchami 2024 Puja Vidhi

उदया तिथि के अनुसार 9 अगस्त नाग पंचमी 2024 का पूजा का दिन शुभ बताया गया है Nag Panchami में पूजा के विधि के लिए आप मंदिर में जा के शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते है बिसेष पूजा हवन और अनुष्ठान करवा सकते है अपने दरवाजे पर गोबर से नाग देवता की आकृति बना सकते है धूप अगरबत्ती आदि से उस बनाई हुए आकृति का पूजा करना चाहिए और दूध दही फुल आदि से शूसरजीत करना चाहिए।

Nag Panchami 2024 kab Se Manaya jane laga

पहली कथा के अनुसार जब कालिया नाग जो की यमुना नदी के गहराई में अपनी रानियों के साथ रहता था और उसके विश के कारण यमुना नदी का पानी दूषित और जहरीला होता जा रहा था और उसे पीने वाले जानवर और मनुष्य सभी मरते जा रहे थे यह सब देखते।


हुए और लोगो की रक्षा करने के लिए श्री कृष्ण ने कालिए नाग को यानुमा नदी से दूर चले जाने को कहा तभी से लोग नाग पंचमी का पर्व मनाते है और दूसरी मनायता में बारहपुराण के अनुसार ब्रहमा जी में शेश नाग को अपने सिर के उपर धरती के भार को धारण करने को कहा था माना जाता है कि और तब से अब तक यह धरती शेश नाग के कारण टिकी हुई है और इस कारण भी नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

Nag Panchami 2024 Kyu hai Khas

भारत देश का नागो से एक खास रिश्ता रहा है लोग नागो को पूजते है नागो के नाम का तीवहार मनाते है नागो का मूल स्थान पाताल लोक बताया गया है और उनका प्रमुख नगर भोगपुरी बताया गया है जरूर पुराण, भविष्य पुराण, चरक सहिता, शुरूत साहिता का वर्णन मिलता है भगवान शिव के गले का माला शेश नाग है भगवान विष्णु का शैय्या भी शेश नाग है और भगवान गणेश का अलंकन भी शेश है .

पुराणों में सूर्य देव के 12 नाग बाहक के रूप में बताए गई है जो हर एक महीने में उनके रथ के साथ चलते है ऋषि मुनियों के अनुसार Nag Panchami के दिन नाग देवता को खुश करने के लिए सावन सुकुल पंचमी के दिन नागो को कच्चे दूध से शासन करवाया जाता है और सर्प का चित्र काले चुरा दूध और घी से बनाया जाता है इसी कारण Nag Panchami इतना खास हो जाता है।

Nag Panchami 2024 Kyu manaya jata hai

मान्यता के हिसाब से नागो की पूजा करने से लोगो की सभी इच्छा पूर्ण हो जाती है नाग देवता की पूजा करने से परिवार के ऊपर नाग देव कभी अपना परकोप नेही दिखाते है घर धन धान से कभी खाली नही होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद भी घर पर बना रहता है नाग पंचमी के पिछले दिन उपवास रखना परता है और फिर नाग पंचमी के दिन सुबह सुबह स्नान करना परता है और पूजा पाठ करना परता है इस दिन भोजन में सेंवई-चावल जैसे ताजा भोजन बनाना चाहिए और पूजा के समय यह मंत्र पढ़ना चाहिए

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः। ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः
इस मंत्र का मतलब है कि हे संसार में, तालाब, झील, कुएं, स्वर्ग, सूर्य की किरणों, आकाश में रहने वाले नाग हम आपकी आराधना कर रहे है आप हम शक्ति दे हम पर कृपा करे हमें आशीष दें हम सभी आपको बारम्बार प्रणाम करते हैं।

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